Shayari

“Ravan Shayari”/रावण शायरी भारतीय महाकाव्य रामायण के प्रमुख पात्र रावण के जीवन की खामियों पर यह शायरी है। 

रावण शायरी में कवि रावण के जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हैं—उसकी महानता, उसका स्वर्ण नगरी लंका पर राज, सीता का हरण और अंत में भगवान राम के हाथों उसकी पराजय। इन शायरियों में रावण के अहंकार और उसकी गलतियों के साथ-साथ उन नैतिक मूल्यों को भी प्रस्तुत किया जाता है, जो उसकी कहानी से सीखे जा सकते हैं, जैसे कि अहंकार का नाश, बुराई का अंत और सत्य की विजय।

रावण को उसकी अद्वितीय विद्वता, शक्ति और अपार ज्ञान के लिए जाना जाता है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी कमजोरी उसका अहंकार और घमंड था, जिसने अंततः उसके पतन की कहानी लिखी।

कुछ शायरियाँ उसकी विद्वता और बलशाली व्यक्तित्व की प्रशंसा करती हैं, जबकि अन्य उसके घमंड और उसके विनाश की ओर संकेत करती हैं

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रावण शायरी के माध्यम से अहंकार और सत्य की अनिवार्यता, धर्म और अधर्म के संघर्ष तथा कर्म का प्रभाव जैसे कालातीत विषयों पर विचार किया जाता हैये शायरियाँ रावण की कहानी के हर पहलू को छूती हैं, चाहे वह उसकी महानता हो या उसकी हार, और उनके माध्यम से जीवन में अहंकार और सत्य की महत्ता का संदेश देती हैं

  1. रावण की शान थी, विद्वान था वो बड़ा,
    पर अहंकार की ज्वाला में, सब कुछ था वो गवां।
  1. विद्या में श्रेष्ठ था, बलवान था अनोखा,
    लेकिन रावण को न समझा, उसका अहंकार था धोखा।
  1. रावण के पास था ज्ञान का भंडार,
    पर उसकी हार बनी उसकी अहंकार।
  1. सोने की लंका थी, वैभव की पहचान,
    लेकिन अंत में जल गई, रावण का हुआ अपमान।
  1. रावण ने की थी छल-कपट की चाल,
    पर प्रभु राम ने मिटा दी उसकी दुष्ट भाल।
  2.  रावण था वो, जिसने राम को ललकारा,
      पर अंत में हार कर, उसने नाम गवांया।
  3. रावण की बुद्धि थी, पर उसे होश न था,
    अहंकार के जाल में, उसका सर्वनाश हुआ।
  4. दस सिरों का घमंड, नहीं सह पाया वक्त,
    रावण की कहानी, बस यही सिखाती सबक।
  5. रावण के पास था सोने का राजमहल,
    पर अंत में उसने पाया, सिर्फ शोक और मलाल।
  6. रावण ने साधा ब्रह्मास्त्र का ज्ञान,
    लेकिन पराजित हुआ, राम के प्रेम और बलिदान। 
  7. रावण के कदम थे अहंकार के मार्ग पर,
    अंत में मिट गया, उसकी कहानी के हर पन्ने पर।
  1. रावण का पराक्रम था, फिर भी हुई हार,
    राम के शांति और धर्म के आगे, टूट गया उसका ताज।
  2. रावण ने सीता का हरण किया,
    पर राम के धनुष ने उसका संहार किया।
  3. रावण की चालाकी में था भ्रम का घेरा,
    पर धर्म की ताकत ने उसे बना दिया अंधेरा।
  4. रावण ने लंका पर राज किया,
    लेकिन सत्य की ताकत ने उसकी सत्ता छीन ली।
  1. रावण की लंका में सब कुछ था सोने का,
    पर एक पल में सब जल कर हुआ राख।
  2. रावण ने समझा अपने आप को अमर,
    पर सत्य ने दिखा दिया उसका असली असर।
  3. रावण की विद्या से सभी थे भयभीत,
    पर राम के प्रेम ने उसे दी हार की सीख।
  4. रावण का अभिमान उसे ले गया विनाश की ओर,
    राम की विनम्रता ने उसे दिखाया सच्चा शोर।
  5. रावण ने माना अपने आपको सबसे बड़ा ज्ञानी,
    लेकिन प्रभु राम के हाथों हुई उसकी कहानी फानी।
  1. रावण का घमंड था उसकी सबसे बड़ी भूल,
    राम के आदर्शों ने उसे किया हमेशा के लिए धूल।
  2. रावण ने सोचा, वो नहीं होगा कभी पराजित,
    पर अंत में राम के प्रेम ने उसे किया वंचित।
  3. रावण की शक्ति थी उसकी दसों दिशाओं में,
    लेकिन राम की भक्ति ने उसे कर दिया मौन।
  4. रावण ने किया अहंकार का महल तैयार,
    लेकिन सत्य के तीर ने उसे कर दिया ध्वस्त।
  5. रावण के पास था सब कुछ, पर राम की विनम्रता ने उसे हराया,
    अहंकार की आग में उसका सारा वैभव जल गया।
  1. रावण ने माना अपने आप को सबसे बड़ा योद्धा,
    पर राम की शांति ने उसे दिखाया सत्य का रस्ता।
  2. रावण की कथा है अहंकार की निशानी,
    राम की विजय है प्रेम और सच्चाई की कहानी।
  3. रावण की लंका में था सोने का किला,
    लेकिन सत्य की ताकत ने उसे जलाकर किया ढ़ेर।
  4. रावण का बल था दस सिरों में बसा,
    पर राम के एक बाण ने सबको मिटा दिया।
  5. रावण की विद्या, उसकी शक्ति का प्रमाण,
    लेकिन उसकी हार ने सिखाया, अहंकार है जानलेवा मान।
  1. रावण ने किया विद्या का दुरुपयोग,
    और राम ने सिखाया सत्य का उपयोग।
  2. रावण के दस सिर नहीं बचा पाए उसकी लंका,
    राम का प्रेम और सत्य का तेज था अद्वितीय।
  3. रावण की चालों से भरा था अहंकार,
    पर सत्य और धर्म ने किया उसे तार-तार।
  4. रावण ने मान लिया था खुद को अमर,
    पर सत्य की तलवार ने किया उसे ध्वस्त।
  5. रावण की लंका थी वैभव की पहचान,
    पर राम ने उसे दिखाया असली सम्मान।
  6. रावण का पराक्रम और उसकी विद्या अपार,
    पर राम के धैर्य ने किया उसे हार का शिकार।
  1. रावण की कहानी में छिपा है अहंकार का पाठ,
    राम ने दिखाया प्रेम और सत्य का सौगात।
  2. रावण ने दिखाया बाहुबल और विद्या का ज्ञान,
    पर राम ने सिखाया अहंकार से ही होता है नुकसान।
  3. रावण का दस सिर था उसकी शक्ति की पहचान,
    पर राम के एक बाण ने उसकी लंका कर दी वीरान।
  4. रावण की शक्ति उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बनी,
    राम की सादगी ने उसकी कहानी को बदल दिया।

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